भजनलाल सरकार में कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। ऐसे में भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अपनी राजनीतिक सूझबूझ से राजस्थान की सियासत में एक अलग मुकाम हासिल किया है। सात बार विधायक रह चुके राजेंद्र राठौड़ को 2023 में विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने तारानगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इस दौरान राठौड़ को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब भजनलाल कैबिनेट में उनकी एंट्री को लेकर चर्चाएं चोरों पर है।
राजेंद्र राठौड़ को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे सकती है भजनलाल सरकार
राजेंद्र राठौड़ को तारानगर विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा था उसके बाद में लोकसभा चुनाव हुए। लोकसभा चुनाव के दौरान राजेंद्र राठौड़ देवेंद्र झांझरिया को जीत नहीं दिल पाए। इसके बाद में ही कहा जाने लगा था कि राजेंद्र राठौड़ का राजनीतिक सफर यहां समाप्त हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और राजेंद्र राठौड़ लगातार प्रदेश में सक्रिय नजर आए। समय-समय पर प्रदेश सरकार और संगठन उनके राजनीतिक अनुभव का लाभ लेती हुई दिखाई देती हैं। इस बीच अब चूरू में यह चर्चा तेज हैं कि जल्द ही राजेंद्र राठौड़ को पार्टी बड़ी जिम्मेदारी सरकार या संगठन में दे सकती हैं।
राजेंद्र राठौड़ को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू
पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी में 7 ऐसे बड़े पद हैं जिन पर राजेंद्र राठौड़ को लंबे राजनीतिक अनुभव के आधार पर नियुक्ति मिल सकती है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राजेंद्र राठौड़ को राजनीति में सक्रियता और लंबे अनुभव के आधार पर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है। विधायक हरलाल सहारण के अनुसार राजेंद्र राठौड़ 36 कौम के नेता है। यदि आला कमान मौका देता है तो यह स्वागत योग्य होगा। वही राजेंद्र राठौड़ के मंत्री पद की बात को लेकर कार्यकर्ताओं में भी एक अलग जोश नजर आ रहा है। हालांकि यह है अभी भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है की राजेंद्र राठौड़ की एंट्री भजनलाल कैबिनेट में होती है या नहीं लेकिन चर्चाओं का बाजार गर्म है।
नए साल में राजेंद्र राठौड़ को मिल सकता है मंत्री पद का तोहफा
आपको बता दें गहलोत सरकार ने भी हारे हुए सीनियर नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां देकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था। पिछली गहलोत सरकार ने जिस तरह से हारे हुए अपने सीनियर नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां देकर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था, इनमें डॉक्टर चंद्रभान, ब्रजकिशोर शर्मा भी शामिल थे। भाजपा पदाधिकारीयों का मानना है कि यदि राजेंद्र राठौड़ को कैबिनेट में शामिल किया जाता है तो वह सत्ता और संगठन के साथ तालमेल बिठाकर सरकार की योजनाओं को सही ढंग से लागू करवाने में सरकार की मदद कर सकते हैं।